Study Material : निबन्ध  दिल्ली दरबार दर्पण | Essay Delhi Darbar Darpan

Study Material :  NTA – UGC NET JRF  निबन्ध  दिल्ली दरबार दर्पण | Essay Delhi Darbar Darpan दिल्ली दरबार दर्पण नोट्स (Delhi Darbar Darpan Notes) दिल्ली दरबार दर्पण तीन बार किया गया था। 1877 – लार्ड लिटन के समय में, इस दरबार दर्पण का ज़िक्र दिल्ली दरबार दर्पण निबन्ध में किया गया है। 1903 – … Read more

Study Material :  निबन्ध भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? | Nibandh bharatavarshonnati Kaise Ho Sakatee Hai?

Study Material :  NTA – UGC NET JRF निबन्ध भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? bharatavarshonnati Kaise Ho Sakatee Hai? महत्वपूर्ण कथन (Important Statements) रामचंद्र शुक्ल – “गद्य कवियों या लेखकों की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौटी है। भाषा की पूर्ण शक्ति का विकास निबंधों में ही सबसे अधिक संभव होता है”। (भारतेंदु के निबन्ध) … Read more

Study Material : निबन्ध नाखून क्यों बढ़ते हैं | Essay Nakhoon Kyon Badhate Hain

Study Material :  NTA – UGC NET JRF निबन्ध नाखून क्यों बढ़ते हैं | Essay Nakhoon Kyon Badhate Hain “नाखून क्यों बढ़ते हैं” निबन्ध के नोट्स (Notes on Nakhoon Kyon Badhate Hain) नाखून बढ़ना सहजातवृत्ति अर्थात स्वाभाविक है। इन निबन्ध में नकारात्मक दृष्टि से कहा है, क्योंकि प्रश्न किया है- क्यों बढ़ते हैं? लेखक ने चिंतन … Read more

Study Material : संस्कृति के चार अध्याय का सारांश | Summary of Sanskrti Ke Chaar Adhyaay

Study Material : Net JRF Hindi संस्कृति के चार अध्याय का सारांश | Summary of Sanskrti Ke Chaar Adhyaay परिचय (Introduction) संस्कृति के चार अध्याय के लेखक रामधारी सिंह दिनकर हैं। इसका प्रकाशन 1956 में हुआ था। इस रचना को 1959 में साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला है। विषय – भारतीय संस्कृति के साथ-साथ इसको प्रभावित … Read more

Net JRF Hindi : रामधारी सिंह की रचना उर्वशी | Ramdhari Singh’s composition Urvashi

Net JRF Hindi : हिन्दी कविता यूनिट 5 | रामधारी सिंह की रचना उर्वशी रचना उर्वशी उर्वशी काव्य के रचनाकार – रामधारी सिंह दिनकर हैं, इसका प्रकाशन वर्ष – 1961 है। उर्वशी गीतिनाट्य भी है और इसे महाकाव्य भी माना गया है। इसमें पांच अंक हैं। उर्वशी शीर्षक से उर्वशी (चम्पू काव्य) में जयशंकर प्रसाद ने भी … Read more

Net JRF Hindi : मैथलीशरण गुप्त की रचना भारत–भारती (Maithili Sharan Gupta’s creation Bharat-Bharti)

Net JRF Hindi : हिन्दी कविता यूनिट 5 | मैथलीशरण गुप्त की रचना भारत–भारती रचना भारत–भारती (Rachna Bharat-Bharti) भारत–भारती की रचना मैथिलीशरण गुप्त जी ने की है। इसका प्रकाशन वर्ष – 1912 है।काव्य का विषय – भारत के स्वर्णिम अतीत की झाँकी, वर्तमान विषम परिस्थिति के स्वरूप का चित्र खिंचा है। यह तीन खण्डों में विभाजित है- … Read more

Net JRF Hindi : रामचन्द्र शुक्ल द्वारा संपादित सूरदास भ्रमरगीतसार | Surdas Bhramargeetsar edited by Ramchandra Shukla

Net JRF Hindi : हिन्दी कविता यूनिट 5 | रामचन्द्र शुक्ल द्वारा संपादित सूरदास भ्रमरगीतसार सूरदास भ्रमरगीतसार भ्रमरगीतसार का संपादन रामचन्द्र शुक्ल ने किया है। सूरदास जी का जन्म 1478 ईसवी में हुआ था। जन्म स्थान रूनकता या सीही है, इन दोनों स्थानों को लेकर विवाद है। रूनकता रामचन्द्र शुक्ल, हजारी प्रसाद दिवेदी और श्यामसुंदर दास ने माना … Read more

Net JRF Hindi : विश्वनाथ मिश्र द्वारा संपादित घनानंद के कवित्त | Poems of Ghananand edited by Vishwanath Mishra

Net JRF Hindi : हिन्दी कविता यूनिट 5 | विश्वनाथ मिश्र द्वारा संपादित घनानंद के कवित्त घनानंद (Ghananand) घनानंद का जन्म 1689 में हुआ और उनकी मृत्यु 1739 में हुई थी। उनका जन्म स्थान बुलन्द शहर है, और मृत्यु मथुरा में हुई थी। उनकी प्रेयसी का नाम सुजान है। उनके आश्रयदाता मुहम्मदशाह रंगीला थे। इनकी सर्वाधिक लोकप्रिय … Read more

Net JRF Hindi : जायसी ग्रंथावली नागमती वियोग वर्णन | Jayasi Granthawali Nagmati Disjunction Description

Net JRF Hindi : हिन्दी कविता यूनिट 5 | जायसी ग्रंथावली नागमती वियोग वर्णन जायसी ग्रंथावली पद्मावत (Jayasi Granthawali Padmavat) पद्मावत – 1540। इसमें कुल 57 खण्ड है, जिसमें द्वितीय खण्ड सिंघल द्वीप खण्ड है। तीसवां खण्ड नागमती वियोग खण्ड है, यही वर्तमान में एनटीए नेट के सिलेबस में है। 57 वां खण्ड पाद्मावत का अंतिम खण्ड … Read more

Net JRF Hindi : बिहारी सतसई जगन्नाथ दास रत्नाकर द्वारा संपादित | Edited by Bihari Satsai Jagannath Das Ratnakar

Net JRF Hindi : हिन्दी कविता यूनिट 5 | बिहारी सतसई जगन्नाथ दास रत्नाकर द्वारा संपादित रीतिसिद्ध कवि बिहारी (Reetisiddh Kavi Biharee) बिहारी का जन्म 1595 में ग्वालियर के गोविंदपुर नामक गाँव में हुआ था। उनके आश्रयदाता महाराजा जयसिंह थे।उन्होंने बिहारी सतसई की रचना 1662 में की। कुल दोहों की संख्या 719 है। यह दोहें मुक्तक शैली … Read more