Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 35 | Novel Godan written by Premchand part 35

जुलूस कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 35 दो दिन तक गाँव में खूब धूमधाम रही। बाजे बजे, गाना-बजाना हुआ और रूपा रो-धो कर बिदा हो गई, मगर होरी को किसी ने घर से निकलते न देखा। ऐसा छिपा बैठा था, जैसे मुँह में कालिख लगी हो। मालती के आ जाने … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 34 | Novel Godan written by Premchand part 34

जुलूस कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 34 होरी की दशा दिन-दिन गिरती ही जाती थी। जीवन के संघर्ष में उसे सदैव हार हुई, पर उसने कभी हिम्मत नहीं हारी। प्रत्येक हार जैसे उसे भाग्य से लड़ने की शक्ति दे देती थी, मगर अब वह उस अंतिम दशा को पहुँच गया … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 33 | Novel Godan written by Premchand part 33

जुलूस कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 33 सिलिया का बालक अब दो साल का हो रहा था और सारे गाँव में दौड़ लगाता था। अपने साथ वह एक विचित्र भाषा लाया था, और उसी में बोलता था, चाहे कोई समझे या न समझे। उसकी भाषा में ट, ल और घ … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 32 | Novel Godan written by Premchand part 32

जुलूस कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 32 डाक्टर मेहता परीक्षक से परीक्षार्थी हो गए हैं। मालती से दूर-दूर रह कर उन्हें ऐसी शंका होने लगी है कि उसे खो न बैठें। कई महीनों से मालती उनके पास न आई थी और जब वह विकल हो कर उसके घर गए, तो … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 31 | Novel Godan written by Premchand part 31

जुलूस कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 31 मिर्जा खुर्शेद ने अस्पताल से निकल कर एक नया काम शुरू कर दिया था। निश्चिंत बैठना उनके स्वभाव में न था। यह काम क्या था? नगर की वेश्याओं की एक नाटक-मंडली बनाना। अपने अच्छे दिनों में उन्होंने खूब ऐयाशी की थी और इन … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 30 | Novel Godan written by Premchand part 30

जुलूस कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 30 रायसाहब का सितारा बुलंद था। उनके तीनों मंसूबे पूरे हो गए थे। कन्या की शादी धूम-धाम से हो गई थी, मुकदमा जीत गए थे और निर्वाचन में सफल ही न हुए थे, होम मेंबर भी हो गए थे। चारों ओर से बधाइयाँ मिल … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 29 | Novel Godan written by Premchand part 29

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 29 मिल करीब-करीब पूरी जल चुकी है, लेकिन उसी मिल को फिर से खड़ा करना होगा। मिस्टर खन्ना ने अपनी सारी कोशिशें इसके लिए लगा दी हैं। मजदूरों की हड़ताल जारी है, मगर अब उससे मिल-मालिकों को कोई विशेष हानि नहीं है। नए आदमी … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 28 | Novel Godan written by Premchand part 28

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 28 नोहरी उन औरतों में न थी, जो नेकी करके दरिया में डाल देती हैं। उसने नेकी की है, तो उसका खूब ढिंढोरा पीटेगी और उससे जितना यश मिल सकता है, उससे कुछ ज्यादा ही पाने के लिए हाथ-पाँव मारेगी। ऐसे आदमी को यश … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 27 | Novel Godan written by Premchand part 27

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 27 मिस्टर खन्ना को मजूरों की यह हड़ताल बिलकुल बेजा मालूम होती थी। उन्होंने हमेशा जनता के साथ मिले रहने की कोशिश की थी। वह अपने को जनता का ही आदमी समझते थे। पिछले कौमी आंदोलन में उन्होंने बड़ा जोश दिखाया था। जिले के … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 26 | Novel Godan written by Premchand part 26

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 26 गोबर को शहर आने पर मालूम हुआ कि जिस अड्डे पर वह अपना खोंचा ले कर बैठता था, वहाँ एक दूसरा खोंचे वाला बैठने लगा है और गाहक अब गोबर को भूल गए हैं। वह घर भी अब उसे पिंजरे-सा लगता था। झुनिया … Read more