Study Material : कैसे करें कहानी का नाट्य रूपांतरण | How to Dramatize a Story

Class 12 – अभिव्यक्ति और माध्यम | Expression and Media साहित्य (Literature) साहित्य की अलग-अलग विधाओं का अलग-अलग स्वरूप होता है। न केवल उनकी रचना प्रक्रिया अलग होती है ब्लकि उनके तत्व भी अलग होते हैं। साहित्यिक विधाओं का स्वरूप, समय और आवश्यकता के अनुसार बदलता रहता है। विधाओं में आदान-प्रदान की प्रक्रिया चलती रहती … Read more

IGNOU MHD-12 Study Material: एक अविस्मरणीय यात्रा कहानी का सारांश व समिक्षा | Summary and Review of An Unforgettable Travel Story

IGNOU MHD-12 भारतीय कहानी | Bhartiya Kahaani (Ak Avismaraneey yaatra) असमिया साहित्य का संक्षिप्त परिचय (Brief Introduction to Assamese Literature) आधुनिक असमिया साहित्य के विकास में असमिया की सर्वप्रथम पत्रिका ‘अरूणोदय’ (1846-80) का विशेष स्थान है। असमिया की शुरूआती कहानियाँ इस पत्रिका में प्रकाशित होती थीं। असमिया के प्रारंभिक महत्वपूर्ण कहानीकारों में लक्ष्मीनाथ, साधुकथार, बेजबरूआ … Read more

अध्याय 10 study material : कथा-पटकथा | Story Script Chapter 10

Class 11 – अभिव्यक्ति और माध्यम | Expression and Media पटकथा (Screenplay) कैमरे से फ़िल्म के परदे पर दिखाये जाने के लिए लिखी गई कथा को पटकथा कहते हैं। पटकथा शब्द दो शब्दों के योग से बना है, पट और कथा। कथा का अर्थ होता है कहानी, पट का अर्थ परदा होता है। अर्थात ऐसी … Read more

IGNOU MHD-12 Study Material: बघेई (ओडिया) कहानी का सारांश व निष्कर्ष | Summary and Conclusion of the Story Baghei (Odia)

IGNOU MHD-12 Study Material MHD-12 भारतीय कहानी (Bhartiya Kahaani) ओड़िया साहित्य (Odia Literature) ओड़िया साहित्य को मध्यकालीनता से आधुनिकता की ओर विकसित करने वालों में फकीरमोहन सेनापति का नाम अत्यंत आदर से लिया जाता है। फकीरमोहन ने भाषा आंदोलन का नेतृत्व प्रदान किया था। ओड़िया की सर्वप्रथम कहानी रेवती 1898 में लिखी गई जिसमें सामाजिक … Read more

अध्याय 16 : शब्दकोश – कोश एक परिचय | Chapter 16: An Introduction to Thesaurus

Class 11 – अभिव्यक्ति और माध्यम | Expression and Media कोश का अर्थ (Meaning of Dictionary) सामान रखने का पात्र कोश कहलाता है। जिस प्रकार संसार में अनगिनत सामान हैं उसी प्रकार सामान रखने के पात्र अर्थात कोश भी मौजूद हैं। शब्दो को संग्रहित करके किसी ग्रंथ (किताब) में रखा जाता है। परिणाम स्वरूप शब्दो … Read more

स्ववृत्त लेखन और रोज़गार संबंधी आवेदन पत्र | Resume Writing and Employment Application Letter

Class 11 – अभिव्यक्ति और माध्यम | Expression and Media पाठ का परिचय (Introduction to the Lesson) यह अध्याय स्ववृत्त अर्थात बायोडेटा पर आधारित है। बायोडेटा का क्या महत्व है? यह दो पात्र नरेंन्द्र और उसके चाचा के माध्यम से बताने का प्रयास किया गया है।   किसी भी नौकरी को प्राप्त करने के लिए … Read more

कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया | Office Writing and Procedure

Class 11 – अभिव्यक्ति और माध्यम | Expression and Media सरकारी पत्र लिखने का तरीका (How to Write Official Letter) सरकारी पत्र में टिप्पण (नोटिंग) (Noting in Official Letter) कार्यालयी हिन्दी की पुस्तक खरीदने के लिए क्लिक करें। आनुषंगिक टिप्पण (Incidental Note) सहायक, आरंभिक या मुख्य टिप्पणी को जब संबंधित अधिकारी के पास भेजा जाता … Read more

IGNOU MHD-5 : Study Material अस्तित्ववाद | Existentialism

परिचय (Introduction) बीसवीं शताब्दी महत्वपूर्ण घटनाओं और विचारों की सदी रही है। संसार में राजतंत्र में जो महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए उनमें साम्यवाद, फ़ासीवाद और उतर-उपनिवेशवाद शामिल हैं। मानव संहार से उत्पन्न निराशा ने नीति, धर्म, ईश्वर दर्शन आदि मानव निर्मित निष्ठाओं पर प्रश्न चिह्न लगा दिए। युध्दोत्तर संसार में कला और साहित्य के पुराने सिद्धांत … Read more

IGNOU MHD-5 : भारतीय काव्यशास्त्र के प्रमुख संप्रदाय – 1 | Major Schools of Indian Poetry

Bhaarateey Kavyashaastr ke Pramukh Sampradaay – 1 संस्कृत काव्यशास्त्र की चिंतन-दृष्टि (Perspective of Sanskrit Poetry) साहित्य चिंतन विषयक छः सम्प्रदायों में से तीन – रस-सिद्धांत, अलंकार-सिद्धांत, रीति-सिद्धांत। भारतमुनि से पंडितराज जगन्नाथ तक फैली संस्कृत काव्यशास्त्र की परंपरा में विभिन्न काव्य सिद्धांतों का प्रतिपादन और खंडन-मंडन होता रहा। प्रणेता आचार्यों के नाम इस प्रकार हैं- 1. … Read more

IGNOU MHD-5 : प्लेटो का काव्य चिंतन – भाग 2 | Plato’s Poetic Thought – part – 2

प्लेटो का काव्य चिंतन

pleto ka kaavy chintan part – 1 प्लेटो का काव्य चिंतन – भाग – 1 प्रत्ययवाद से तात्पर्य – प्लेटो (Conceptualism – Plato) प्लेटो में काव्य और दर्शन के सापेक्ष महत्व को लेकर प्रायः अंतर्द्वद्व दिखाई देता है। इसका कारण है वे स्वाभाव और संस्कार से कवि हैं तथा शिक्षा और परिस्थिति से दार्शनिक। कभी … Read more