UGC Net JRF Hindi : Study Material राही कहानी घटना व संवाद | Rahi Story Incident And Dialogue
कहानी का परिचय (Introduction To The Story)
सुभद्राकुमारी चौहान का जन्म 1904 में हुआ और मृत्यू 1948 में हुई।
उनके तीन कहानी संग्रह हैं-
1) बिखरे मोती जो 1932 में प्रकाशित हुआ।
2) उन्मादिनी 1934 में प्रकाशित हुआ।
3) सीधे साधे चित्र 1947 में प्रकाशित हुआ, यह कहानी संग्रह उनका आखरी कहानी संग्रह था। इसी कहानी संग्रह में ‘राही’ कहानी संकलित है।
कहानी का विषय – इस कहानी में सुभद्रा जी ने गरीबों के पीड़ा का वर्णन करते हुए उनकी चोरी करने की मजबूरी पर प्रकाश डालती हैं।
कहानी में सत्याग्रहियो में शामिल सत्ता के लोलुप व्यक्तियों पर व्यंग्य किया है।
कहानी में लेखिका ने गरीबों के कष्ट निवारण को सच्ची देश भक्ति माना है।
राही कहानी का संक्षिप्त सारांश (Brief Summary Of The Story Raahi)
कहानी के पात्र – राही और अनीता हैं। राही एक गरीब महिला है, जिसे चोरी के कारण जेल में है। अनीता एक अमीर घर कि महिला है, जिसे स्वतंत्रता संग्राम में क्रातिकारी गतिविधियों के कारण जेल जाना पड़ा है।
राही एक माँगरोरी जाति की महिला है, जिसमें वे चोरी करते हैं, या भीख माँगकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं। एक दिन राही ने अपने बच्चों को खाना खिलाने के लिए अनाज की गठरी चोरी कर ली, जिसके परिणाम स्वरूप उसे एक साल की सजा हो गई। अब उसके बच्चे अकेले हैं, उनके पास कोई नहीं है।
राही के पति को बिना गलती के पुलिस वालों ने पुरानी किसी बात का बदला लेने के लिए पकड़ा, उसे एक साल की सजा कराई, उसके बाद उसे इतना मारा उसकी वहीं मृत्यु हो गई।
अनीता राही से जेल में मिलती है, वहीं पर राही से बातचीत के दौरान राही कि स्थिति का उसे पता चलता है, परिणाम स्वरूप अब वह मँगरोरी जाति के कल्याण के लिए काम करना चाहती है। रात को सोते हुए उसने यह सपना भी देखा कि उसने इनके लिए एक आश्रम खोल दिया है, जहाँ वह मेहनत करते अपना जीवन बिताते हैं, उन्होंने चोरी करना और भीख माँगना छोड़ दिया है। सुबह सात बजे अनीता की आँख खुलती है, रात को देखे सपने को सच करने की कल्पना के साथ वह जेल से घर चली जाती है।
राही कहानी घटना व संवाद (Rahi Story Incident And Dialogue)
कहानी की शुरूआत अनीता के कथन से होती है, जो राही से उसका नाम पूछती है।
चोरी के कारण राही को सजा हुई।
राही ने अनाज की गठरी चुराई थी। उस गठरी में पाँच छह सेर अनाज था।
चोरी के लिए राही को एक साल की सजा हुई है।
राही को मजदूरी करने के लिए कोई काम पर नहीं रखता है क्योंकि उसकी जाति माँगरोरी है, वे माँगते-खते हैं।
राही ने जब चोरी की- “उस दिन घर में खाने को नहीं था। बच्चे भूख से तड़प रहे थे। बाजार में बहुत देर तक माँगा। बोझा ढ़ोने के लिए टोकरा लेकर भी बैठी रही” परिणाम स्वरूप राही ने चोरी की।
राही का कथन- “हम गरीबों की कोई नहीं सुनता सरकार। बच्चे आये थे, कचहरी में मैंने सब कुछ कहा, पर किसी ने नहीं सुना”।
राही के पति को जेल में बहुत मारा था, परिणाम स्वरूप उसकी मृत्यु हो गई।
राही के घर वालों का एक वक्त पुलिस वाले के साथ झगड़ा हो गया था, उसी का बदला लेने के लिए बिना कसूर के राही के पति को पकड़ लिया, जब वह ताड़ी पीने गया था।
राही के पति को 109 चलान करके साल भर की सजा दिला दी वहीं मर गया।
अनीता सत्याग्रह करके जेल में आई थी। पाहिले उसे ‘बी’ क्लास दिया गया, फिर घर वालों ने ‘ए’ क्लास में दिलवा दिया।
अनीता सोचती है- “हम सभी परमात्मा के संतान हैं” अर्थात वह सोचती है कि कुछ लोग तो बहुत आराम करते हैं, और कुछ लोग पेट के अन्न के लिए चोरी करते हैं?
अनीता सोचती है- “सरकारी वकील के चातुर्यपूर्ण ज़िरह के कारण छोटे-छोटे बच्चों की माताएँ जेल भेज दी जाती हैं। जो जेल में सचमुच जेल के कष्ट उठाती हैं। हम लोग देशभक्ति का ढिंढोरा पिटते हुए जेल आते हैं”।
अनीता सोचती है – “कल तक तो खद्दर भी नहीं पहनते थे, बात-बात पर काँग्रेस का मजाक उड़ाते थे, काँग्रेस के हाथों में थोड़ी शक्ति आते ही वे काँग्रेस भक्त बन गए।
प्रश्न करती है- देश भक्ति है या सत्ताभक्ति?
अनीता की आत्मा बोल उठी वास्तव में सच्ची देश भक्ति तो इन गरीबों के कष्ट निवारण में है। हमारा वास्तविक जीवन तो देहातों में ही है।
अनीता सोचती है – अशिक्षा और अज्ञानता इतना है कि होश सँभालते ही माता पुत्री को और सास बहू को चोरी की शिक्षा देती है।
संसार की मृग मरीचिका में हम लक्ष्य को भूल जाते हैं।
पतित मानवता को जीवन-दान देने की अपेक्षा भी कोई महतर पुण्य है?
राही जैसी गुमराह लोगों के कल्याण की साधना होनी चाहिए, सत्याग्रही की यही प्रथम प्रतिज्ञा क्यों न हो? अनीता खुद से ही यह प्रश्न करती है।
अनीता ने रात में सपना देखा कि जेल से छुटकर वह इन्हीं माँगरोरी लोगों के गाँव में पहुँच गई है। वहाँ छोटा सा आश्रम खोल दिया। स्त्रियाँ सूत काटती हैं। मर्द कपड़ा बुनते हैं और रुई धुनते हैं। शाम को रोज उन्हें धार्मिक पुस्तक पढ़कर सुनाई जाती है, देश की अवस्था सरल भाषा में समझाई जाती है। भीख मांगने और चोरी करने वाले लोग आदर्श ग्रामवासी हो रहे हैं। उन्होंने अपना घर बना लिया है।
राही के अनाथ बच्चों को अनीता अपने साथ रखने लगी है।
सुबह सात बजे उसकी नींद खुली, बिना शर्त जेलर ने उसे जाने के लिए कह दिया। अनीता जेल से स्वप्न को सच्चाई में बदलने की मधूर कल्पना ले कर घर चली गई।
अन्य विषय (Other subjects)
UGC NET JRF Hindi का सम्पूर्ण पाठ्यक्रम
UGC NET JRF Hindi : पूछे जाने वाले संवाद और तथ्य
Net JRF इकाई 5 हिन्दी कविता
Net JRF इकाई-6 हिन्दी उपन्यास
Net JRF इकाई-7 हिन्दी कहानी
Net JRF इकाई-8 हिन्दी नाटक
Net JRF ईकाई 9 – हिन्दी निबन्ध
Net JRF इकाई 10 अन्य गद्य विधाएँ
- study material : संवदिया कहानी का सारांश | Summary of the Story Samvadiya
- study material : प्रेमघन की छाया स्मृति का सारांश व समीक्षा | Summary and Review of Premghan kee chhaaya smrti
- Study Material : सूरदास की झोपड़ी का सारांश व समीक्षा | Summary and Review of Surdas Ki jhppadi
- study material : अपना मालवा-खाऊ उजाडू सभ्यता सारांश व समीक्षा | Summary and Review Apana Maalava
- study material : बिस्कोहर की माटी का सारांश व समीक्षा | Summary and Review of Biskohar Ki Mati