Ignou Study Material : विध्वंस कहानी का सारांश व निष्कर्ष : MHD 10 प्रेमचन्द कहानी विविधा | MHD 10 Premchand Story Miscellaneous
कहानी का परिचय (Introduction To The Story)
किसी न किसी के माध्यम से अक्सर ऐसा कहते सुना जाता है कि ईश्वर की लाठी में अवाज़ नहीं होती। जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, वह खुद ही उस गड्ढे में देर सबेर गिर जाता है। आज हम ऐसी ही कहानी की बात कर रहे हैं, कहानी का नाम है – विध्वंस। यह कहानी प्रेमचंद जी ने लिखी है। कहानी की मुख्य किरदार भुनगी है।
विध्वंस कहानी का सारांश (Vidhvansh Story Summary)
बनारस के बीरा नाम के गाँव में भूनगी रहती है, उसके पास रहने के लिए या खेती के लिए कोई ज़मीन नहीं है। भूनगी वृद्धा, संतानहीन, गोंडिन है। अपना जीवन निर्वाह करने के लिए चबैना भूजती है, जो थोडा बहुत आय के रूप में अन्न मिलता है, उसी से अपना जीवन व्यतीत करती है। भूनगी जिस स्थान पर अन्न भूजने के लिए भाड़ लगाती है, वह गाँव के पंडित उदयभान की थोड़ी सी ज़मीन है। उसके पास रहने के लिए घर नहीं है, परिणाम स्वरूप सारा दिन अनाज भूजती है, और वहीं किसी कोने में पड़ी रहती है। गाँव के लोग दिन के एक बार चबैना का इस्तेमाल करते हैं, परिणाम स्वरूप भूनगी को काम हर रोज मिल जाता है।
एकादशी और पूर्णमासी के दिन नियम अनुसार भाड़ नहीं जल सकता है, इसलिए उस दिन उसे भूखे ही रहना पड़ता है। पंडित उदयभान के की ज़मीन पर भाड है, इसलिए उनके लिए फ्री में काम करना पड़ता है, उनके घर में पानी भरना पडता है, जो सम्भव हो अन्य काम भी फ्री में करना पड़ता है। उनके यहाँ का चबैना भी फ्री में भुजना पड़ता है, इस दिन वह अन्य लोगों का अनाज नहीं भुज पाती है, इसलिए उदयभान के का काम करने वाले दिन भी उसे भुखा ही सोना पड़ता है।
संक्रांति के दिन गाँव के लोग विशेष रूप से नया अनाज भुजवा कर खाते हैं, परिणाम स्वरूप इस दिन भुनगी के यहाँ भीड लगी थी, लेकिन दोपहर को पंडित उदयभान का दो टोकरी अनाज लेकर चपरासी वहाँ आ जाता है, और शाम से पहले सारा अनाज भुजने के लिए कह जाता है। बाकी लोगों का अनाज भुजना बन्द करना पड़ा, लेकिन उसके बाद भी उदयभान का अनाज शाम तक नहीं भुजा जा सका। शाम को जब चपरासी आया तो काम पूरा नहीं था। परिणाम स्वरूप पंडित उदयभान ने उसी दिन भुनगी का भाड़ खुदवा कर फैंक दिया।
गाँव के लोगों का चबैना सत्तू बन्द हो गया, उन्होंने पंडित उदयभान से जाकर विनती की। वह भुनगी को दोबारा भाड़ (अनाज भुजने का चूल्हा) लगाने की इजाज़त दे दें, लेकिन उदयभान ने मना कर दिया।
इस तरह एक महीने गुज़र गए, भुनगी को जीने के लिए खाने की समस्या हो गई। एक दिन पंडित उदयभान लगान लेने के लिए घर से निकले तो रास्ते में देखा भुनगी दोबारा अपना भाड़ बना रही है। भला-बुरा सुनाते हुए तुरन्त इस भाड़ को भी उदयभान ने तोड़ दिया, मिट्टी गिली थी, इसलिए पूरा भाड़ दोबारा खराब हो गया। भुनगी ने कहा भाड़ लगाऊँगी तभी तुम्हारा फ्री में काम करूँगी, नहीं तो नहीं करूँगी। उदयभान ने कहा इस गाँव में रहना है तो बेगार (फ्री में काम) करना ही पडेगा।
गुस्से में उदयभान ने भाड़ जलाने के लिए इक्ट्ठा की गई पत्तियों में आग लगवा दी। भुनगी ने उसी आग में कूद कर अपनी जान दे दी। हवा से आग फैल गई और आस-पास के किसानों के घर भी जल गए, आग बूझाने की कोशिक की जाने लगी, लेकिन आग नहीं बुझी और खुद पंडित उदयभान का घर भी इस आग में जल गया। यहीं पर कहानी समाप्त हो जाती है।
कहानी का निष्कर्ष (Conclusion of the Story)
यह कहानी है, लेकिन साहित्य समाज का दर्पण होता है, तो क्या समाज में भी ऐसी घटनाएँ होती होंगी, जब कोई किसी और का बुरा करने जाता है, और उसी का बुरा हो जाता है?
यह कहानी औपनेवेशिक भारत की कहानी है, उस दौर में अंग्रेजो ने टैक्स इक्ट्ठा करने की ज़िम्मेदारी इलाके के ज़मीदार या पंडितों को दी थी। जिसे लगान कहा जाता था, यह गाँव के लगभग सभी किसानों को देना पड़ता था। इस कहानी में पंडित उदयभान सुबह-सबुह लगान वसूल करने ही जा रहे थे, और रास्ते में भुनगी को दोबारा भाड़ बनाते देख क्रोधित हो गए।
जिस दिन भुनगी फ्री मे काम करती उस दिन उसे भूखा सोना पड़ता था, अर्थात एक दिन के काम करने से सिर्फ एक दिन के खाने का ही इंतज़ाम हो पाता था।
अन्य विषय (Other subjects)
MHD-12 भारतीय कहानी विविधा |
MHD 10 प्रेमचन्द कहानी विविधा
MHD- 3 उपन्यास एवं कहानी
- UGC Net JRF Hindi : इंस्पेक्टर मातादीन चाँद पर कहानी का घटना व संवाद | Incident And Dialogue Inspector Matadin Chand par
- UGC Net JRF Hindi : राही कहानी घटना व संवाद | Rahi Story Incident And Dialogue
- UGC Net JRF Hindi : चन्द्रदेव से मेरी बातें कहानी का घटना व संवाद | Incident And Dialogue From The Story Chandradev Se Meree Baten
- UGC Net JRF Hindi : राजा निरबंसिया कहानी घटना संवाद व सारांश | Raja Nirbansiya Story Incident Dialogue And Summary
- Study Material : हिन्दी व्याकरण वर्ण-विचार | Hindi Grammar Character Ideas