Ignou Study Material बेटो वाली विधवा कहानी का सारांश : MHD 10 प्रेमचन्द कहानी विविधा | MHD 10 Premchand Story Miscellaneous
कहानी का परिचय (Introduction to the Story)
समाज में अक्सर महिलाओं को सदा सुहागन होने का आशिर्वाद दिया जाता है, यह आशीर्वाद तब दिया जाता है, जब कोई उस महिला से खुश हो। वहीं पुरूषो को अन्य प्रकार के आशीर्वाद दिए जाते हैं, जैसे खुश रहो, तरक्की करो इत्यादि। अर्थात महिलाओं के लिए सबसे बड़े सुख की बात यही है कि वह सुहागन ही रहे।
प्राकृतिक रूप से स्त्री हो या पुरूष दोनों के लिए आवश्यक है कि उनका जीवन साथी जीवित रहे और सुखी रहे। लेकिन समाजिक रूप से यह परिस्थिति बदल जाती है। क्या इसका मुख्य कारण यह है कि पति की मृत्यू के बाद परिवार और समाज दोनों महिला को समान्य इंसान की तरह नहीं समझता? विधवा महिला के साथ लगभग हर कोई अनैतिक व्यवहार करता है। चाहे उसकी अपनी संतानें ही क्यों न हो? विचार कीजिए।
आज हम बात कर रहे हैं ऐसी ही एक कहानी की। कहानी का नाम है ‘बेटो वाली विधवा’ यह कहानी प्रेमचंद जी द्वारा लिखी गई है। वैसे तो यह कहानी लगभग सौ वर्ष पहले लिखी गई होगी, लेकिन यह कहानी आज भी जीवित है।
बेटो वाली विधवा कहानी का सारांश (Summary of the Beto Valee Vidhava Story)
कहानी की शुरूआत में ही अयोध्या नाथ की मृत्यू हो जाती है। उसकी पत्नी फूलमती विधवा हो जाती है, इनके चार बेटे कामतानाथ, दयानाथ, उमानाथ, सीतानाथ और एक बेटी कुमुद हैं। तीन बेटो का विवाह हो चुका है, छोटा बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है, बेटी का भी विवाह नहीं हुआ है।
पिता की मृत्यू को बारह दिन हो गए थे, इतने दिन में ही बेटे बहुओं का व्यवहार बदल गया। पति के रहते हुए सारे काम फूलमती से पूछ कर किए जाते थे, लेकिन उनकी मृत्यू के बाद कोई फूलमती को स्वामिनी की तरह तो क्या माँ की तरह भी सम्मान नहीं देता है।
अयोध्या नाथ की तेरहवीं में बेटों ने कंजूसी दिखाई, जितना समान फूलमती ने लाने को कहा उतना नहीं लाया गया। मेहमानों के उठने बैठने का ठीक से इंतज़ान नहीं किया गया। दो सौ लोगों के बैठने के स्थान पर पाँच सौ लोगों को बैठाया गया। खाने बैठे लोगों में से किसी एक व्यक्ति की थानी में मरा हुआ चूहा मिला। बड़ी बहू के पास घर कि चाबियाँ रहती हैं, लेकिन अब से पहले उसने कोई भी पैसा फूलमती से पूछ कर निकाला था, आज पहली बार यह भी अपनी सास से नहीं पूछा।
यह सब देखकर फूलमती बहुत ज़्यादा दुखी हो जाती है। पति की मृत्यू होते ही परिवार ने उसे घर के सदस्यों ने उससे सारे अधिकार छीन लिए। पिता की मृत्यू के बाद चारो बेटे ने उनके छोड़े हुए रूपए आपस में बांट लिए। अयोध्या नाथ ने अपनी बेटी का विवाह मूरारी पंडित से करने का फैसला किया था, वह दहेज के पाँच हजार माँग रहे थे। बेटों ने पिता के रूपए बहन की शादी में खर्च करने से मना कर दिया।
फूलमती के पास लगभग दस हजार के गहने पड़े थे, फूलमती उन गहनों के बल पर अपनी बेटी का विवाह न कर दे, इसके लिए चारो बेटों ने उन गहनों को हथियाने की योजना बनाई। दयानाथ ने अपनी माँ से झूठ कहा कि उसने कुछ ऐसा लिख दिया है, जिससे उसे जेल हो जाएगी। उससे बचने के लिए दस हजार लगेंगे। फूलमती माँ का दिल रखने वाली महिला उसने सारे गहने दयानाथ को दे दिए। यह गहने भी चारो बेटो ने आपस में बांट लिया।
दहेज न देना पडे इसलिए कुमुद का विवाह कुमुद से अधिक आयु के पुरूष दीनदयाल से एक हजार के खर्चे में शादी करा दी गई। बागो को बेच दिया गया। यह सब देखकर फूलमती की आत्मा बहुत दुखी होती थी, लेकिन वह किसी से कुछ नहीं कहती। कहती भी तो उसके बेटे उसकी सुनते नहीं थे। उससे साफ साफ कह दिया गया था कि अयोध्या नाथ की संपत्ति पर फूलमति का नहीं बल्कि उनके बेटों का अधिकार है। परिणाम स्वरूप फूलमती अपनी मृत्यू का इंतज़ार करने लगी।
उसका कमरा बड़ी बहू को दे दिया गया, उसे एक छोटी से कोठरी में रहने के लिए मजबूर कर दिया। अब फूलमती घर में नौकरो की तरह काम करती और खाना विष की तरह खाती। उसके मन में जीने की कोई इच्छा नहीं रह गई थी।
माँ को इतना दुख करने का फल ईश्वर ने बेटों को दिया, लेकिन वह फिर भी नहीं समझे। कामतानाथ को टायफायड हो गया था, वह मरते-मरते बचा। दयानाथ ने इस बार सच में कुछ ऐसा लिख दिया जिसके लिए उसे छ महीने की जेल हो गई। उमानाथ ने अपना क्लिनिक खोला था, लेकिन वह नहीं चला। छोटा बेटा सीतानाथ वाजीफ़ा पाकर विदेश पढ़ने के लिए चला गया।
एक दिन फूलमती अपने बड़े बेटे के लिए गंगा का पानी लाने गई। बरसात के दिन थे, उसका पैर फिसल गया। लोग उसे बचाने के लिए दोड़ै लेकिन गंगा का पानी बढ़ा हुआ था, परिणाम स्वरूप वह लहरों में समा गई अर्थात उसकी मृत्यू हो गई। यहीं पर कहानी समाप्त हो गई।
निष्कर्ष ( Conclusion)
1) कहानी की मूल समस्या समाज में आज भी मौजूद है?
2) विधवा के साथ किस प्रकार अनैतिक व्यवहार होता है, उसका चित्रण किया गया है।
3) कुमुद का विवाह उससे अधिक आयु वाले पुरूष से हुआ, अर्थात इस कहानी में अनमेल विवाह का भी चित्रण है।
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