Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 19 | Novel Godan written by Premchand part 19

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 19 फागुन अपने झोली में नवजीवन की विभूति ले कर आ पहुँचा था। आम के पेड़ दोनों हाथों से बौर के सुगंध बाँट रहे थे, और कोयल आम की डालियों में छिपी हुई संगीत का गुप्त दान कर रही थी। गाँवों में ऊख की … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 18 | Novel Godan written by Premchand part 18

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग 18 मिर्जा खुर्शेद का हाता क्लब भी है, कचहरी भी, अखाड़ा भी। दिन-भर जमघट लगा रहता है। मुहल्ले में अखाड़े के लिए कहीं जगह नहीं मिलती थी। मिर्जा ने एक छप्पर डलवा कर अखाड़ा बनवा दिया है, वहाँ नित्य सौ-पचास लड़ंतिए आ जुटते हैं। … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 17 | Novel Godan written by Premchand part 17

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग – 17 खन्ना और गोविंदी में नहीं पटती। क्यों नहीं पटती, यह बताना कठिन है। ज्योतिष के हिसाब से उनके ग्रहों में कोई विरोध है, हालाँकि विवाह के समय ग्रह और नक्षत्र खूब मिला लिए गए थे। कामशास्त्र के हिसाब से इस अनबन का … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 16 | Novel Godan written by Premchand part 16

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग – 16 गाँव में खबर फैल गई कि रायसाहब ने पंचों को बुला कर खूब डाँटा और इन लोगों ने जितने रुपए वसूल किए थे, वह सब इनके पेट से निकाल लिए। वह तो इन लोगों को जेहल भेजवा रहे थे, लेकिन इन लोगों … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 15 | Novel Godan written by Premchand part 15

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान – भाग 15 रायसाहब को खबर मिली कि इलाके में एक वारदात हो गई है और होरी से गाँव के पंचों ने जुरमाना वसूल कर लिया है, तो फोरन नोखेराम को बुला कर जवाब-तलब किया – क्यों उन्हें इसकी इत्तला नहीं दी गई। ऐसे नमकहराम … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 14 | Novel Godan written by Premchand part 14

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग – 14 मालती बाहर से तितली है, भीतर से मधुमक्खी। उसके जीवन में हँसी ही हँसी नहीं है, केवल गुड़ खा कर कौन जी सकता है! और जिए भी तो वह कोई सुखी जीवन न होगा। वह हँसती है, इसलिए कि उसे इसके भी … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 13 | Novel Godan written by Premchand part 13

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग -13 होरी की फसल सारी की सारी डाँड़ की भेंट हो चुकी थी। वैशाख तो किसी तरह कटा, मगर जेठ लगते-लगते घर में अनाज का एक दाना न रहा। पाँच-पाँच पेट खाने वाले और घर में अनाज नदारद। दोनों जून न मिले, एक जून … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 12 | Novel Godan written by Premchand part 12

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान – भाग 12 गोबर अँधेरे ही मुँह उठा और कोदई से बिदा माँगी। सबको मालूम हो गया था कि उसका ब्याह हो चुका है, इसलिए उससे कोई विवाह-संबंधी चर्चा नहीं की। उसके शील-स्वभाव ने सारे घर को मुग्ध कर लिया था। कोदई की माता को … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 11 | Novel Godan written by Premchand part 11

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग – 11 रात को गोबर झुनिया के साथ चला, तो ऐसा काँप रहा था, जैसे उसकी नाक कटी हुई हो। झुनिया को देखते ही सारे गाँव में कुहराम मच जायगा लोग चारों ओर से कैसी हाय-हाय मचाएँगे, धनिया कितनी गालियाँ देगी, यह सोच-सोच कर … Read more

Study Material : प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान भाग – 10 | Novel Godan written by Premchand part 10

सूजान भगत कहानी का सारांश

Study Material : Delhi, IGNOU मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand गोदान भाग – 10 ऐसे असाधारण कांड पर गाँव में जो कुछ हलचल मचनी चाहिए, वह मची और महीनों तक मचती रही। झुनिया के दोनों भाई लाठियाँ लिए गोबर को खोजते फिरते थे। भोला ने कसम खाई कि अब न झुनिया का मुँह देखेंगे और न … Read more