Net JRF Hindi Unit 9 : विवेकी राय का निबन्ध उठ जाग मुसाफिर निबन्ध | Viveki Rai’s Essay Ut Jaag Musafir Essay

Net JRF Hindi Unit 9 : विवेकी राय का निबन्ध उठ जाग मुसाफिर निबन्ध उठ जाग मुसाफिर निबन्ध का परिचय (Introduction to Uth Jaag Musafir Essay) उठ जाग मुसाफिर के लेखक विवेकी राय हैं। इस निबन्ध का संकलन – उठ जाग मुसाफिर में किया गया है, इसमें कुल 10 निबन्ध संकलित है।इसका प्रकाशन 2012 में किया गया … Read more

Net JRF Hindi Unit 9 : आचार्य रामचन्द्र शुकल का निबन्ध कविता क्या है | Essay by Acharya Ramchandra Shukla Kavita Kya Hai

Net JRF Hindi Unit 9 : आचार्य रामचन्द्र शुकल का निबन्ध कविता क्या है कविता क्या है निबन्ध का परिचय (Introduction to Essay Kavita Kya Hai?) “कविता क्या है” सैंधांतिक निबन्ध है। निबन्ध के माध्यम से नई मान्यताओं की स्थापना की गई है। जिस प्रकार प्रेम को परिभाषित नहीं किया जा सकता उसी प्रकार कविता को भी … Read more

Net JRF Hindi Unit 9 : कुबेरनाथ राय का निबन्ध उत्तरा फाल्गुनी के आसपास | Kubernath Roy’s Essay Uttara Phalguni Ke Aasapaas

कुबेरनाथ राय

Net JRF Hindi Unit 9 : कुबेरनाथ राय का निबन्ध उत्तरा फाल्गुनी के आसपास उत्तरा फाल्गुनी के आसपास (Uttara Phalguni Ke Aasapaas) इस निबन्ध के लेखक कुबेरनाथ राय हैं, यह ललित निबन्धकार हैं। 1933 ईसवी उत्तर प्रदेश में इनका जन्म हुआ था। इनका प्रसिद्ध निबन्ध प्रिया नीलकंठी है। उत्तरा फाल्गुनी विषाद योग नामक निबन्ध संग्रह में संकलित … Read more

Net JRF Hindi Unit 9 : अध्यापक पूर्ण सिंह का निबन्ध मजदूरी और प्रेम | Teacher Purna Singh’s Essay on Majadooree aur Prem

Net JRF Hindi Unit 9 : अध्यापक पूर्ण सिंह का निबन्ध मजदूरी और प्रेम निबन्ध मजदूरी और प्रेम मजदूरों के प्रति सम्मान के लिए यह निबन्ध लिखा गया है। किसी मजदूर के श्रम का मूल्य हम उसे पैसे देकर नहीं चुका सकते हैं,  उनकी मजदूरी का मूल्य उन्हें सम्मान देकर चुकाया जा सकता है। सरदार पुर्ण सिंह … Read more

Net JRF Hindi Unit 9 : हजारीप्रसाद द्विवेदी का निबन्ध नाखून क्यों बढ़ते हैं? | Essay by Hazariprasad Dwivedi Naakhoon Kyon Badhate Hain?

Net JRF Hindi Unit 9 : हजारीप्रसाद द्विवेदी का निबन्ध नाखून क्यों बढ़ते हैं? नाखून क्यों बढ़ते हैं? इस निबन्ध के लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी हैं। विषय – यह विचार प्रधान निबन्ध है। नाखून का बढ़ना पशुता का प्रतीक है, नाखून का काटना मनुष्यता का प्रतीक है। पहले मानव नाखून से आत्मरक्षा करता था। धीरे-धीरे मनुष्य ने … Read more

Net JRF Hindi Unit 9 : बालमुकुंद गुप्त जी का निबन्ध शिवशंभु के चिट्ठे | Essay of Balmukund Gupta, Letters of Shiv Shambhu

Net JRF Hindi Unit 9 : बालमुकुंद गुप्त जी का निबन्ध शिवशंभु के चिट्ठे निबन्ध का परिचय (Introduction to Essay) 11 अप्रैल 1904 ईसवी से 9 मार्च 1907 ईसवी के मध्य “भारत मित्र” पत्रिका में यह (निबन्ध) चिट्ठे प्रकाशित हुए। इस दौरान भारत मित्र पत्रिका के संपादक स्वंय बालमुकुन्द गुप्त थे। यह लार्ड कर्जन के लिए आठ … Read more