Study Material : सम्पूर्ण गोदान उपन्यास | Sampoorna Godan Novel

गोदान उपन्यास (godaan upanyaas)

गोदान उपन्यास का प्रत्येक अध्याय

गोदान भाग – 1 प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान धनिया होरी संवाद

गोदान भाग – 2 प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान – रायसाहब होरी संवाद 

गोदान भाग – 3 प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान – होरी भोला का संवाद होरी ने भोला को बूसा दिया

गोदान भाग – 4 प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान – होरी के घर गाय आई

गोदान भाग – 5 प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान – गोबर झुनिया का प्रेम प्रसंग

गोदान भाग – 6 प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास गोदान – रायसाहब के घर मेहमार आए

गोदान भाग – 7

गोदान भाग – 8

गोदान भाग – 9

गोदान भाग – 10

गोदान भाग – 11

गोदान भाग – 12

गोदान भाग – 13

गोदान भाग – 14

गोदान भाग – 15

गोदान भाग – 16

गोदान भाग – 17

गोदान भाग – 18

गोदान भाग – 19

गोदान भाग – 20

गोदान भाग – 21

गोदान भाग – 22

गोदान भाग – 23

गोदान भाग – 24

गोदान भाग – 25

गोदान भाग – 26

गोदान भाग – 27

गोदान भाग – 28

गोदान भाग – 29

गोदान भाग – 30

गोदान भाग – 31

गोदान भाग – 32

गोदान भाग – 33

गोदान भाग – 34

गोदान भाग – 35

गोदान उपन्यास का संक्षिप्त परिचय

हम बात कर रहे हैं, प्रेमचन्द द्वारा लिखे उपन्यास की। उपन्यास का नाम है, गोदान। गोदान प्रेमचन्द जी का सबसे अंतिम और लोकप्रिय उपन्यास है, ऐसा माना जाता है।

वर्तमान में हर एक व्यक्ति का कोई न कोई सपना होता है, जिसे इंसान पूरा करने का हर सम्भव प्रयास करता है। कोई अपना घर बनाना चाहता है, कोई ज़मीन लेना चाहता है, कोई एक मँहगी और अच्छी गाड़ी खरीदना चाहता है, कोई विदेश जाना चाहता है, कोई डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहता है। ऐसे ही आज से लगभग सौ वर्ष पहले भी लोगों का कोई न कोई सपना होता था, जिसे वे पूरा करना चाहते रहे होंगे।

इसकी एक झलक देखने को मिलती है प्रेमचन्द के उपन्यास गोदान में। इस उन्यास के नायक का नाम होरी है, जिसका सपना गाय खरीदने का होता है, वह चाहता है उसके आँगन में एक गाय हो। जो कुछ क्षण के लिए पूरा भी होता है, लेकिन उसका छोटा भाई ईष्या के कारण उस गाय गो ज़हर दे देता है। जिस गाय को अपने घर लाने की अभी तक होरी द्वारा कीमत भी नहीं चुकाई है, उस गाय की हत्या हो जाती है। उसके बाद अपनी मृत्यु तक भी होरी गाय नहीं ला पाता।
 
धीरे-धीरे होरी को अपने सारे खेत गिरवी रखना पड़ता है, एक दिन ऐसा आता है होरी जिस खेत का मालिक होता है, अब उसी खेत में उसे और अपने के परिवार के साथ मजदूरी करनी पड़ती है। होरी का बेटा गोबर खाने कमाने परदेश चला जाता है। होरी की बड़ी बेटी की शादी तो फिर भी एक समान्य परिवार में हो जाती है, लेकिन छोटी बेटी की शादी एक ऐसे व्यक्ति से करनी पड़ती है जो आयु में होरी से भी बड़ा है।
 
अंत में होरी और उसकी पत्नी धनिया रह जाते हैं। दोनों मजदूरी करके अपना गुज़ारा करते हैं, एक दिन गाय खरीदने का सपना लिए होरी दुनिया छोड़ देता है और धनिया अकेली रह जाती है।
 
एक तरफ धनिया गाँव की महिला का नेतृत्व करती है। दूसरी ओर मालती एक शहरी महिला का नेतृत्व करती है। मालती वर्किंग महिला है उसे खाने-पीने की कमी नहीं है, लेकिन फिर भी अपने जीवन कुछ कमी महसूस करती है। पहले वह जिस व्यक्ति से विवाह करना चाहती है, वह व्यक्ति मना कर देता है। फिर उपन्यास के अंत तक वह व्यक्ति मालती से विवाह करना चाहता है, लेकिन अब मालती को मंजूर नहीं होता।
 
धनिया और मालती दोनों ही अपने जीवन में लगातार संघर्ष करती हैं, जहाँ धनिया जीवन की मौलिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संघर्ष करती हैं। वहीं मालती मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लगातार संघर्ष करती हैं। अंत में दोनों नकाम हो जाती है उसके बाद भी दोनों ही शिकायत नहीं करती।

Sunaina