अध्याय 16 : शब्दकोश – कोश एक परिचय | Chapter 16: An Introduction to Thesaurus

Class 11 – अभिव्यक्ति और माध्यम | Expression and Media कोश का अर्थ (Meaning of Dictionary) सामान रखने का पात्र कोश कहलाता है। जिस प्रकार संसार में अनगिनत सामान हैं उसी प्रकार सामान रखने के पात्र अर्थात कोश भी मौजूद हैं। शब्दो को संग्रहित करके किसी ग्रंथ (किताब) में रखा जाता है। परिणाम स्वरूप शब्दो … Read more

स्ववृत्त लेखन और रोज़गार संबंधी आवेदन पत्र | Resume Writing and Employment Application Letter

Class 11 – अभिव्यक्ति और माध्यम | Expression and Media पाठ का परिचय (Introduction to the Lesson) यह अध्याय स्ववृत्त अर्थात बायोडेटा पर आधारित है। बायोडेटा का क्या महत्व है? यह दो पात्र नरेंन्द्र और उसके चाचा के माध्यम से बताने का प्रयास किया गया है।   किसी भी नौकरी को प्राप्त करने के लिए … Read more

कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया | Office Writing and Procedure

Class 11 – अभिव्यक्ति और माध्यम | Expression and Media सरकारी पत्र लिखने का तरीका (How to Write Official Letter) सरकारी पत्र में टिप्पण (नोटिंग) (Noting in Official Letter) कार्यालयी हिन्दी की पुस्तक खरीदने के लिए क्लिक करें। आनुषंगिक टिप्पण (Incidental Note) सहायक, आरंभिक या मुख्य टिप्पणी को जब संबंधित अधिकारी के पास भेजा जाता … Read more

IGNOU MHD-5 : Study Material अस्तित्ववाद | Existentialism

परिचय (Introduction) बीसवीं शताब्दी महत्वपूर्ण घटनाओं और विचारों की सदी रही है। संसार में राजतंत्र में जो महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए उनमें साम्यवाद, फ़ासीवाद और उतर-उपनिवेशवाद शामिल हैं। मानव संहार से उत्पन्न निराशा ने नीति, धर्म, ईश्वर दर्शन आदि मानव निर्मित निष्ठाओं पर प्रश्न चिह्न लगा दिए। युध्दोत्तर संसार में कला और साहित्य के पुराने सिद्धांत … Read more

IGNOU MHD-5 : भारतीय काव्यशास्त्र के प्रमुख संप्रदाय – 1 | Major Schools of Indian Poetry

Bhaarateey Kavyashaastr ke Pramukh Sampradaay – 1 संस्कृत काव्यशास्त्र की चिंतन-दृष्टि (Perspective of Sanskrit Poetry) साहित्य चिंतन विषयक छः सम्प्रदायों में से तीन – रस-सिद्धांत, अलंकार-सिद्धांत, रीति-सिद्धांत। भारतमुनि से पंडितराज जगन्नाथ तक फैली संस्कृत काव्यशास्त्र की परंपरा में विभिन्न काव्य सिद्धांतों का प्रतिपादन और खंडन-मंडन होता रहा। प्रणेता आचार्यों के नाम इस प्रकार हैं- 1. … Read more

IGNOU MHD-5 : प्लेटो का काव्य चिंतन – भाग 2 | Plato’s Poetic Thought – part – 2

प्लेटो का काव्य चिंतन

pleto ka kaavy chintan part – 1 प्लेटो का काव्य चिंतन – भाग – 1 प्रत्ययवाद से तात्पर्य – प्लेटो (Conceptualism – Plato) प्लेटो में काव्य और दर्शन के सापेक्ष महत्व को लेकर प्रायः अंतर्द्वद्व दिखाई देता है। इसका कारण है वे स्वाभाव और संस्कार से कवि हैं तथा शिक्षा और परिस्थिति से दार्शनिक। कभी … Read more

IGNOU MHD-5 : प्लेटो का काव्य चिंतन भाग 1 | Plato’s Poetic Thought part – 1

प्लेटो का काव्य चिंतन

pleto ka kaavy chintan परिचय (Introduction) पश्चिम में साहित्य-शास्त्र के विकास के संकेत पाँचवीं शती ईसा पूर्व के पहले से ही मिलने लगते हैं। हैसिओड, सोलन, पिंडार आदि की रचनाओं में काव्य, काव्य के हेतु तथा काव्य प्रयोजन संबंधी मान्यताओं का उल्लेख मिलता है। प्रसिद्ध नाटककार अरिस्तोफिनीस के नाटकों में भी हास्य-व्यंग्य के माध्यम से … Read more

IGNOU MHD-5 : प्लेटो का संक्षिप्त काव्य चिंतन | Brief Poetic Reflection of Plato

प्लेटो का काव्य चिंतन

pleto ka sankshipt kaavy chintan प्लेटो का परिचय (Introduction to Plato) प्लेटो यूनान के एक महान दार्शनिक और समाज सुधारक थे। उनका जन्म एक कुलीन वंश में हुआ था। उनके गुरू महान दार्शनिक सुकरात हुए। उनकी पूरी शिक्षा दीक्षा सुकरात की छत्रछाया में हुई थी। प्लेटो दार्शनिक थे लेकिन कविता के प्रति उनका विशेष चिंतन … Read more

Class – 11 पत्रकारिता के विविध आयाम (भाग-2) | Various Dimensions of Journalism (Part-2)

पत्रकारिता क्या है

पत्रकारिता के विविध आयाम अध्याय – 2 का सारांश (भाग-2) | Summary of Chapter 2 Various Dimensions of Journalism (Part-2) कक्षा – 11 अभिव्यक्ति और माध्यम पत्रकारिता के विविध आयाम (भाग – 1) संपादन (Editing) संपादन का अर्थ है किसी सामग्री से उनकी अशुद्धियों को दूर करके उसे पठनीय बनाना। समाचार संगठनों में द्वारपाल की … Read more

पत्रकारिता के विविध आयाम (भाग – 1) | Various Dimensions of Journalism (Part – 1)

पत्रकारिता क्या है

अध्याय – 2 पत्रकारिता के विविध आयाम (कक्षा – 11) | Adhyaay – 2 Patrakaarita ke vividh aayaam (Class – 11) पत्रकारिता (Journalism) अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वाभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ … Read more